Mangalagauri Rao

नमस्ते,अच्छी भूमिका अच्छे विचारों और अच्छी भावनाओ के साथ अपने व्यवहार करने वालो को हर कोई उन्हें अपने मन में, शब्दो में,और अपने जीवन में स्थान देते है,उनकी इस सुंदरता के आगे नतमस्तक होते है,और ये सब बाते YFY में हमें भरपूर मिलती है।हास्यसन की खुबसूरती से भला कैसे कोई दूर रह सकता है। सुजाताजी के शब्दो की मिठास,उसका आकर्षण ,उसकी सुंदरता से कैसे कोई प्रेरित नहीं होगा, सुहास सर का परीक्षण,निरीक्षण, सहजस्वभाव ,सहिष्णुता, सरलता ,उनकी मुक्त हंसी से कौन सरोकार नहीं होगा।

प्रतिदिन की सुबह आप दोनो के कारण ही,अपने मन को दृढ़ कर योग के लिए प्रेरित करने की प्रक्रिया से हर कोई नतमस्तक हो जाता है। सुक्ष्म क्रियाओंऔर कुछ आसनों के साथ नियोजित संपूर्ण सुर्य नमस्कार ,कितना सुंदर श्वास के साथ कनेक्ट होते हुए कम समय में भी संपूर्ण शरीर को प्राप्त होने वाली ताजगी,ऊर्जा शक्ति शारीरिक और मानसिक स्थिरता को आपने अपने अंजाम तक पहुंचाया, तत्पश्चात् ध्यान के द्वारा अपने आपसे ,जुड़कर , उस अलौकिक शक्ति को अनुभव कराने का आपका कौशल अविस्मरणीय है।बहुत बड़ी खुशी, बड़ी सी मुस्कान के साथ सातों कमल के विभिन्न रंगों के साथ स्वयं में देखने की अनुभूति अत्यधिक शांतिपूर्ण, सुंदर और चमकदार थी।इसी आंतरिक सज्जा,सुरक्षा और संरचना को समझने का प्रयास कराने के आपके प्रयासों को कोटि कोटि प्रणाम।👏🏻😊💐